KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार एनडीए में BJP-JDU के बीच सीटों को लेकर खामोश खींचतान। महागठबंधन में RJD-कांग्रेस और वाम दलों के बीच नया फॉर्मूला प्रस्तावित। छोटे दलों की भूमिका भी होगी निर्णायक! 2020 के फॉर्मूले से अलग हो सकती है इस बार की बिसात
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बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग की आंतरिक खिचड़ी: BJP vs JDU
बिहार एनडीए में भले ही बीजेपी और जेडीयू एक साथ हैं, लेकिन सीटों की साझेदारी को लेकर सहमति नहीं, रणनीतिक तनाव की स्थिति है। सूत्रों के अनुसार:
- BJP 2020 में लड़ी थी 110 सीटें, और जीती थी 74
- JDU को दी गई थी 115 सीटें, लेकिन वो महज 43 ही जीत सकी
अब BJP चाहती है कि 2025 में वह कम से कम 130 सीटों पर लड़े, जबकि JDU इसे “बड़े भाई की भूमिका से अपमान” मान रही है।
बीजेपी का फॉर्मूला
“JDU अगर CM पद का दावा छोड़ दे, तो हम 125+ सीटें छोड़ सकते हैं। वरना समान भागीदारी संभव नहीं।”
JDU का पलटवार
“नीतीश कुमार के चेहरे पर ही बीजेपी 2020 में सत्ता में लौटी थी। सीटें संख्या से नहीं, छवि से जीती जाती हैं।”
यह भी पता चला है
- केंद्रीय नेतृत्व दोनों दलों को 1:1 की बराबरी यानी करीब 115-115 सीटों पर मनाने की कोशिश में है
- बाकी की 13 सीटें HAM (जितन राम मांझी), RLM (उपेन्द्र कुशवाहा) और निर्दलीयों के लिए छोड़ी जा सकती हैं
महागठबंधन में RJD-कांग्रेस-वाम दलों के बीच “बेस वोट” का समीकरण
महागठबंधन में दिखने वाली एकता के पीछे गंभीर अंतरविरोध भी छुपा है।
2020 का फॉर्मूला (जो अब दोहराया नहीं जा सकता)
- RJD: 144 सीटें (75 जीती)
- कांग्रेस: 70 सीटें (19 जीती)
- वामदल (CPI, CPM, CPI-ML): 29 सीटें (16 जीतीं)
लेकिन कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद RJD इस बार कांग्रेस को सिर्फ 40-45 सीटें देने के मूड में है।
RJD का प्रस्तावित फॉर्मूला
- RJD: 145 सीटें
- कांग्रेस: 45 सीटें
- वामदल: 35 सीटें
- अन्य (VIP, SP, etc.): 18 सीटें
कांग्रेस सूत्रों का जवाब
“हम राष्ट्रीय पार्टी हैं, 45 सीटें मंज़ूर नहीं। कम से कम 60 सीटें चाहिए वरना स्वतंत्र रूप से लड़ने का विकल्प खुला है।”
वाम दलों की दलील
“2020 में हमने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया, हमें कमतर आंकना गलत होगा।”
छोटे दलों की चालाकी
- HAM (मांझी): फिलहाल NDA में, पर सीट ना मिलने पर विकल्प खुले हैं
- VIP (मुकेश सहनी): फिलहाल RJD के साथ, पर निर्णय लेने को आजाद हैं।
- AIMIM (ओवैसी): सीमांचल में 5 सीटों पर प्रभाव, 2020 में 5 में से 5 जीती थीं
इन दलों के चलते सीट बंटवारे का कोई भी फॉर्मूला फाइनल करना एक जटिल प्रक्रिया बन चुका है।
दोनों गठबंधनों के लिए बड़ा सवाल
- NDA में नीतीश कुमार को CM चेहरा बनाने पर BJP के कई नेता असहमत है।
- महागठबंधन में तेजस्वी यादव निर्विवाद चेहरा हैं, लेकिन कांग्रेस और CPI-ML अंदरूनी तौर पर नेतृत्व में हिस्सेदारी चाहता हैं।
BJP सूत्रों का कहना है
“नीतीश चुनाव के बाद का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन प्रचार में पीएम मोदी को ही आगे रखा जाएगा।”
RJD की रणनीति
“तेजस्वी यादव को बिना प्रचार में आगे रखे वोट ट्रांसफर नहीं होगा। चेहरा साफ़ होना ज़रूरी है।”
संभावित सीट शेयरिंग तालिका (2025 का प्रोजेक्शन)
गठबंधन | प्रमुख दल | प्रस्तावित सीटें | असहमति का बिंदु |
NDA | BJP | 125-130 | JDU को ‘छोटा भाई’ बनाना |
JDU | 100-110 | CM चेहरा और सीट संख्या | |
HAM, RLM आदि | 3-5 | सीट न मिलने पर अलग राह | |
महागठबंधन | RJD | 140-145 | सभी दलों को सहमत करना मुश्किल |
कांग्रेस | 45-60 | कम सीटों से नाराजगी | |
वामदल | 30-35 | CPI-ML का आक्रामक रुख |
सीट शेयरिंग की राह में है कई मुश्किलें
बिहार चुनाव 2025 के लिए सीट शेयरिंग किसी भी दल के लिए केवल एक “गणित” नहीं, बल्कि “सामाजिक समीकरणों और इगो मैनेजमेंट” का बड़ा खेल बन गया है। जहां एक ओर एनडीए को नीतीश और बीजेपी के बीच संतुलन बनाना है, वहीं महागठबंधन को तेजस्वी के चेहरे के इर्द-गिर्द बाकी दलों को भरोसे में रखना है।
अभी तक कोई आधिकारिक सीट शेयरिंग फार्मूला घोषित नहीं हुआ है, लेकिन दोनों खेमों में अंदरखाने बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है। बिहार की राजनीति में हर फॉर्मूला पल भर में फेल भी हो सकता है और हिट भी हो सकता है। ऐसे में देखना बाकी है कि होता क्या है।
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